Monday, December 23, 2024
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बिना जीएसटीटीन के बिल लगाकर दे रहे हैं खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम – जिम्मेदारो ने सादी चुप्पी 

ग्रामीणों ने बताया आज तक एक टुकड़ा तक नही मिला, आखिर सवा दो लाख की मिठाई खिलाई किसको 

जीएसटीटीन न० लिखे हुए बिल का कार्नर कांट कर करते हैं बिल स्कैन 

खंडवा। खंडवा जनपद पंचायत में मूल कार्यपालन अधिकारी के सेवा निवृत हो जाने के बाद डिप्टी कलेक्टर को जनपद खंडवा का प्रभार सौंपा गया है। जिसके बाद से ही भ्रष्टाचार थमने का नाम नही ले रहा है। आए दिन सचिव सरपंच रोजगार सहायक इंजीनियरों की शिकायतो के सिलसिले बरकार है। हार कर ग्रामीणों को जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। बावजूद इसके संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। जिसके चलते भ्रष्टाचार को बड़ावा मिल रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत नहाल्दा में देखने को मिला है। यहां सरपंच,सचिव ने मिलकर वृहद स्तर के भ्रष्टाचार को अंजाम देने में लगे हैं। जिसके चलते सरपंच – सचिव दोनों में पंचायत दर्पण पोर्टल पर फर्जी बिल लगाने की मानो होड़ सी मची हो। 2 वर्ष पहले सरपंच बनी श्रीमती राखी ठाकुर ने अपनी ग्राम पंचायत में सवा दो लाख रुपए की मिठाई बांट दी है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। पंचायत दर्पण पर मौजूद ऑनलाइन बिल बता रहे हैं कि प्रत्येक माह ग्राम पंचायत नहालदा में मिठाई वितरण का काम होता है। जो की पंचायती राज अधिनियम के तहत नियम विरुद्ध है। मिठाई सिर्फ राष्ट्रीय त्योहार पर बांटी जाती है। पर यहां तो मामला कुछ और ही है, यहां पर खंडवा की प्रसिद्ध एवं प्राचीन नामचिन गर्ग स्वीटस एवम नमकीन के तकरीबन 2.15 लाख रुपए के बिल भुगतान वेंडर बनाकर किया गया है। ठीक इसी प्रकार ओम टेंट हाउस के भी कई सारे बिल भुगतान किए गए हैं। जो की बिना जीएसटीटीन के बिल है। जिसमें गर्ग स्वीट्स के नाम से 21 बिल, एवं ओम टेंट हाउस कोटवाड़ा 10 बिल, और अमलपुरा गांव में मौजूद जायसवाल टेंट हाउस के नाम से 3 बिल भुगतान किये गए हैं। स्वयं सचिव नरेंद्र सिंह चौहान ने अपने नाम पर अंत्योष्टि के बिल लगाकर स्वयं के खाते में भुगतान किया। सौम्या कंप्यूटर के नाम से बिना जीएसटी के 7 बिलो का भुगतान किया है। तीनो ग्रामों में कुल लगभग 700 नल जल कनेक्शन के नाम पर पूरी पंचायत में 100 रू० प्रतिमाह नगद वसूली की गई , जोकि 2 वर्ष से की जा रही है। लेकिन आज तक शासन के खाते ने राशि जमा न कर , इस राशि की बंदरबांट कर ली गई है। और नियम में यह है की राशि को जमाकर के उचित कार्य हेतु उपयोग में लाई जाए।

– ग्राम पंचायत में कुछ वरिष्ठ ग्रामीणों से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि आज तक किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने पर किसी प्रकार की कोई मिठाई हमने नही खाई है। फिर यह सवा दो लाख रुपए की मिठाई किसने खाई है। हो सकता है कि सचिव नरेंद्र सिंह चौहान और सरपंच राखी ठाकुर की साठगांठ से फर्जी तरीके से भुगतान हो रहा है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। यदि यदि शासन प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो हमारे द्वारा इस भ्रष्टाचार की लड़ाई आगे तक लड़ी जाएगी और धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा। हम ग्राम वासियों के लिए भारत सरकार और प्रदेश की सरकार हमारे उत्थान के लिए राशि भेजती है। पर बिचोलीयो और ऐसी छूटभैया नेताओं की वजह से राशि की बंदरबांट कर ली जाती है। यदि हमें न्यायालय की शरण भी लेना पड़ी तो हम लेंगे।

– जहां जीएसटी न0 लिखा होता है, उस बिल का (कोना) कॉर्नर कांट करके बिल स्कैन करके लगाकर भुगतान किया जाता है। इससे प्रदेश सरकार और भारत सरकार दोनों को ही राजस्व की क्षति हो रही है।

–  जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी , ऐसे भ्रष्टाचारियों को बड़ावा देने में सहायक बनी हुई है। जिसके चलते यह खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम देने में कतई डर महसूस नहीं करते हैं। जिसके चलते भोली – भाली जनता के विकास और उत्थान के लिए प्रदेश की सरकार द्वारा किए गए प्रयत्न जमीन स्तर पर शून्य नजर आते हैं।

इनका कहना…. 

राममंदिर उत्सव, सांसद कार्यक्रम, विधायक कार्यक्रम आयोजित होता है तो मुझसे माल (मिठाई – नमकीन) आदि ले जाते हैं। जो बिल लगाएं है, वह मेरी दुकान के है। बिल को लेकर या किसी प्रकार के समान लेनदेन को लेकर मेरे द्वारा उन पर कोई दबाव नहीं है। जो बिल मेरे पास है बिना जीएसटी का है मैं वही देता हूं उनको जमे तो वह ले जाते हैं। वरना मेरे द्वारा कोई जबरदस्ती नहीं है। – गर्ग स्वीट्स नमकीन दुकान तीन पुलिया मार्ग खंडवा मालिक – हेमंत चिंटू गर्ग। (जैसा कि फोन पर चर्चा में बताया)

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