Monday, December 23, 2024
Homeमध्यप्रदेशसरपंच पति अजय ठाकुर लगा रहे उपयंत्री साहब के घर के चक्कर

सरपंच पति अजय ठाकुर लगा रहे उपयंत्री साहब के घर के चक्कर

वर्षों से जमे हुए अधिकारी दे रहे भ्रष्टाचार को बढ़ावा- 

खण्डवा।  जिला पंचायत एवम ज़िला मुख्यालय के नजदीक ग्राम पंचायत नहाल्दा में हुए भ्रष्टाचार को साठ – गांठ कर मामले को दबाने में लगे है सचिव नरेंद्र सिंह और सरपंच पति अजय ठाकुर अब जनपद के अधिकारी उपयंत्री महेश कटारे की शरण मे पहुंच गए हैं।

वर्षों से जमे अधिकारी दे रहे भ्रष्टाचार को बढ़ावा – 

आपको बता दें कि बरसों से जमे हुए अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे रहते हैं। खंडवा जनपद पंचायत में कुछ अधिकारी ऐसे भी है, जिनकी पद स्थापना खण्डवा जनपद में हुई और सेवा निवृत्त भी वही से हुए हैं। कुछ ऐसे ही अधिकारियों ने मिलकर जनपद पंचायत खण्डवा को भ्रष्टाचार का अड्डा बना कर रख दिया है। जिसके चलते खंडवा जनपद की प्रत्येक ग्राम पंचायतों में आए दिन सचिव सरपंच रोजगार सहायक के भ्रष्टाचार की खबरे समाचार पत्रों में प्रकाशित होते नजर आ रही है। फिर भी जनपद के अधिकारी चुप्पी साधे हुए बैठे हैं। कार्यवाही के नाम पर जांच का पहाड़ा पढ़ने नजर आते हैं जिला व जनपद के अधिकारी, एक और प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय डॉ० मोहन यादव भ्रष्टाचार को खत्म करने की कवायद में लगे हैं। वहीं दूसरी ओर जिला स्तर व जनपद स्तर मैं वर्षों से अपनी धाक जमाए बैठे हुए अधिकारी आये दिन भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे रहते हैं। हर विभाग में प्रत्येक तीन वर्षो में स्थानांतरण होता है, पर खंडवा में क्यों नहीं ?

समाचार प्रकाशन के बाद से उपयंत्री नही उठा रहे हैं फोन – 

विगत कुछ दिनों से लगातार समाचार पत्र में खबरें प्रकाशित होने के बाद से उपयंत्री श्री महेश कटारे जी ने फोन उठाना बंद कर दिया है। जिसके चलते उपयंत्री साहब श्री महेश कटारे अब जांच कर कार्यवाही करना तो दूर मामले को दबाने ( रफा – दफा ) में सरपंच श्रीमती राखी ठाकुर पति अजय ठाकुर की भरपूर मदद करने में लगे है। जब खबर में उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया गया तो उन्होंने फोन नही उठाया।

यह है मामला – 

खंडवा जनपद पंचायत में मूल कार्यपालन अधिकारी के सेवा निवृत हो जाने के बाद डिप्टी कलेक्टर को जनपद खंडवा का प्रभार सौंपा गया है। जिसके बाद से ही भ्रष्टाचार थमने का नाम नही ले रहा है। आए दिन सचिव सरपंच रोजगार सहायक इंजीनियरों की शिकायतो के सिलसिले बरकार है। हार कर ग्रामीणों को जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। बावजूद इसके संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। जिसके चलते भ्रष्टाचार को बड़ावा मिल रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत नहाल्दा में देखने को मिला है। यहां सरपंच,सचिव ने मिलकर वृहद स्तर के भ्रष्टाचार को अंजाम देने में लगे हैं। जिसके चलते सरपंच – सचिव दोनों में पंचायत दर्पण पोर्टल पर फर्जी बिल लगाने की मानो होड़ सी मची हो। 2 वर्ष पहले सरपंच बनी श्रीमती राखी ठाकुर ने अपनी ग्राम पंचायत में सवा दो लाख रुपए की मिठाई बांट दी है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। पंचायत दर्पण पर मौजूद ऑनलाइन बिल बता रहे हैं कि प्रत्येक माह ग्राम पंचायत नहालदा में मिठाई वितरण का काम होता है। जो की पंचायती राज अधिनियम के तहत नियम विरुद्ध है। मिठाई सिर्फ राष्ट्रीय त्योहार पर बांटी जाती है। पर यहां तो मामला कुछ और ही है, यहां पर खंडवा की प्रसिद्ध एवं प्राचीन नामचिन गर्ग स्वीटस एवम नमकीन के तकरीबन 2.15 लाख रुपए के बिल भुगतान वेंडर बनाकर किया गया है। ठीक इसी प्रकार ओम टेंट हाउस के भी कई सारे बिल भुगतान किए गए हैं। जो की बिना जीएसटीटीन के बिल है। जिसमें गर्ग स्वीट्स के नाम से 21 बिल, एवं ओम टेंट हाउस कोटवाड़ा 10 बिल, और अमलपुरा गांव में मौजूद जायसवाल टेंट हाउस के नाम से 3 बिल भुगतान किये गए हैं। स्वयं सचिव नरेंद्र सिंह चौहान ने अपने नाम पर अंत्योष्टि के बिल लगाकर स्वयं के खाते में भुगतान किया। सौम्या कंप्यूटर के नाम से बिना जीएसटी के 7 बिलो का भुगतान किया है। तीनो ग्रामों में कुल लगभग 700 नल जल कनेक्शन के नाम पर पूरी पंचायत में 100 रू० प्रतिमाह नगद वसूली की गई , जोकि 2 वर्ष से की जा रही है। लेकिन आज तक शासन के खाते ने राशि जमा न कर , इस राशि की बंदरबांट कर ली गई है। और नियम में यह है की राशि को जमाकर के उचित कार्य हेतु उपयोग में लाई जाए।

ग्राम पंचायत में कुछ वरिष्ठ ग्रामीणों से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि आज तक किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने पर किसी प्रकार की कोई मिठाई हमने नही खाई है। फिर यह सवा दो लाख रुपए की मिठाई किसने खाई है। हो सकता है कि सचिव नरेंद्र सिंह चौहान और सरपंच राखी ठाकुर की साठगांठ से फर्जी तरीके से भुगतान हो रहा है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। यदि यदि शासन प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो हमारे द्वारा इस भ्रष्टाचार की लड़ाई आगे तक लड़ी जाएगी और धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा। हम ग्राम वासियों के लिए भारत सरकार और प्रदेश की सरकार हमारे उत्थान के लिए राशि भेजती है। पर बिचोलीयो और ऐसी छूटभैया नेताओं की वजह से राशि की बंदरबांट कर ली जाती है। यदि हमें न्यायालय की शरण भी लेना पड़ी तो हम लेंगे।

जहां जीएसटी न0 लिखा होता है, उस बिल का (कोना) कॉर्नर कांट करके बिल स्कैन करके लगाकर भुगतान किया जाता है। इससे प्रदेश सरकार और भारत सरकार दोनों को ही राजस्व की क्षति हो रही है।

जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी , ऐसे भ्रष्टाचारियों को बड़ावा देने में सहायक बनी हुई है। जिसके चलते यह खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम देने में कतई डर महसूस नहीं करते हैं। जिसके चलते भोली – भाली जनता के विकास और उत्थान के लिए प्रदेश की सरकार द्वारा किए गए प्रयत्न जमीन स्तर पर शून्य नजर आते हैं।

इनका कहना….

आपके द्वारा जो खबरे मुझे व्हाट्सएप की गई, मेने उन्हें पढ़ ली, में दिखावाता हूं। – खण्डवा जिला कलेक्टर, श्री अनूप कुमार सिंह। 

मेने जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखित रूप से जांच हेतु निर्देशित कर दिया है। – खण्डवा जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सोलंकी। 

संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन फोन नही उठाया। – मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खण्डवा। 

अन्य खबरे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

यह भी पढ़े