खण्डवा। जनपद पंचायत खंडवा की सबसे नजदीक की ग्राम पंचायत नहल्दा में सरपंच सचिव रोजगार सहायक के द्वारा मनरेगा में फर्जी तरीके से मस्टर रोल भर कर मनरेगा में मजदूर होना बताया गया है। और शासन की जनहित और लाभकारी योजना का मजाक उड़ाकर राशि का गबन किया गया है।
जिसमे की नल चालक रजत राठौड़ , ठेकेदार शकील अन्नू सहित इनकी पत्नी सलमा बाई, व एंजल प्लेनेट बस चालक और पिछले पंद्रह से बीस वर्षो से नामचीन कंपनी बाटा बूट शोरूम पर कार्यरत कर्मचारी सौहाग सिंह, और सरपंच पति अजय ठाकुर के खास माने जाने वाले संदीप रूपसिंह मीणा के पूरे परिवार को भी मनरेगा में मजदूर होना बताकर फर्जी मस्टर भर कर राशि का गबन किया गया है। सरपंच – सचिव , रोजगार सहायक की यह कारगुजारी सामने आने के बाद से ही ग्रामीणजानो में नराजनी व्यक्त कर रहे हैं। पंच परमेश्वर के पुत्र को भी मनरेगा में मजदूर बताकर राशि का बंदरबांट किया गया है।
ग्रामीणों की माने तो सरपंच पति अजय ठाकुर ने आपने लंगूरो – भंगुरो को व सिर्फ उनके परिवार वालों ही लाभकारी व जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया है।
नहाल्दा ग्राम सरपंच पति अजय के खास संदीप रूपसिंह मीणा के पूरे परिवार को मनरेगा में लाभ –
सरपंच पति अजय ठाकुर की परछाई व खास कहे जाने वाले संदीप रूपसिंह मीणा के पूरे परिवार को मनरेगा योजना में शामिल कर फर्जी मस्टर भर कर राशि का आहरण किया गया है। संदीप रूपसिंह मीणा के नाम पर सरपंच महोदया ने 15 वा वित्त सहित 5वा वित्त सहित अन्य कई बिल भुगतान किए हैं। जिनमे वाटर मोटर पंप सुधारीकरण, साफ सफाई व्यवस्था, चुनाव व्यवस्था में नाश्ता चाय कही इस प्रकार के बिल लगाकर फर्जी वेंडर बनाकर बिल भुगतान किया है। और शासन की राशि का बंदरबांट किया है।
यह एक गंभीर जांच का विषय है ? पर जिम्मेदारो ने चुप्पी साध ली है। पंद्रह दिवस पूर्ण होने को है पर आज तक कारवाही के नाम पर जांच चल रही है का हवाला देकर इति श्री कर ली जाती है।
ग्रामीणों ने कहां यदि नही हुई सरपंच सचिव पर ठोस कार्रवाही तो कोर्ट में लगाएंगे प्राइवेट केस –
ग्राम पंचायत में हुई अनिनियीमिताओ को लेकर चिंतित ग्रामीणों ने बताया कि इस प्रकार जनकल्याण के लिए शासन द्वारा जारी बजट (राशि) को अपने स्वार्थ सिद्ध में उपयोग ले रहे हैं। अपने चहितो के घर भरने में लगे है। जिन्हे वास्तव में मनरेगा योजना में लाभ पहुंचाना था उन्हे आज तक कोई भी जानकारी तक नहीं पहुंचा पाए । सरपंच सचिव रोजगार सहायक पर यदि किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई जनपद पंचायत या जिला पंचायत से नही हुई तो हम न्यायालय में प्राइवेट केस दर्ज करेंगे।
यह है नियम –
मध्य प्रदेश सिविल संहिता आचरण नियम 1965 की धारा 6 का अध्ययन किया जाए तो, मिथ्या बनावटी मस्टर रोल या मापपुस्तक (मेजरमेंट बुक) बनाने के लिए दंड – जो कोई ग्रह कार्य से संबंधित या सकर्म का भार साधक अधिकारी होते हुए व यह जानते हुए कि, मिथ्या या बनावटी मस्टर रोल तेल मेजरमेंट बुक , काम किए बिना , या अपर्याप्त काम करने के लिए मिथ्या या बनावटी मस्टर भरकर भुगतान करेगा । दोनो में से किसी एक भाती के कारावास से जो 3 वर्षो का हो सकेगा या जुर्माने से दंडित किया जाएगा।