जांच दल के अधिकारी करते हैं कार्यालय संबंधित कार्य और स्वास्थ्य खराब होने जा बहाना
खण्डवा। यह मामला खंडवा जिला एवम जनपद के अंतर्गत आने वाली सबसे नजदीक ग्राम पंचायत नहाल्दा से जुड़ा है। जहां सरपंच राखी ठाकुर पति अजय ठाकुर ने पत्नी के सरपंच पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी है। जहां एक ही गांव के ग्राम नहाल्दा के ही कई सप्लायर वेंडर बनाकर फर्जी भुगतान कर लाखो का गबन किया है। नल जल व्यवस्था की नगद वसूली भी इनके द्वारा की गई लेकिन आज तक जनपद के खाते में राशि जमा न करने का भी ग्रामीणों ने इनपर आरोप लगाया है।
अजय ठाकुर पत्नी श्रीमती राखी ठाकुर एक ब्यूटी पार्लर संचालिका है, जिन्हे यह तक भनक भी नहीं है कि पति अजय और सचिव दोनों ही उनके पद का और पद मुहर का दुरुपयोग करने में लगे है। ऐसा करना पंचायती राज अधिनियम के विरुद्ध है। एक और भारत सरकार सहित प्रदेश सरकार भी पंचायती राज विभाग की व्यवस्थाओं को लेकर चिंतित हैं। महिला सरपंचों व अन्य पद पर आसीन महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए बड़े – बड़े दावे कर रही है, और सरपंच पतियों पर नकेल कसने की बात कर रही है। यही नहीं कुछ दिनों पूर्व मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने अपने बयान में यह भी कहां की यदि हमारी कोई बहन किसी पद पर आसीन हैं। चाहे वह सरपंच हो जनपद अध्यक्ष जनपद उपाध्यक्ष जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष हो, तो वही अब निर्णय लेंगी, सभी सभाओं की बैठकों में वही बैठेंगी उनकी जगह पति उपस्थित नही होगा। वही दूसरी ओर खंडवा में सरपंच श्रीमती राखी ठाकुर पति अजय ठाकुर ने अपनी हठधर्मिता के चलते पंचायती राज विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाकर रख दी है। अनियमितता इतनी की बता नही सकते। सरपंच बने दो वर्ष भी पूर्ण नही हुए है और उससे अधिक के बिल वाउचर लगाकर भुगतान कर दिए हैं।
स्वयं के नाम से भुगतान स्वयं के खाते में किया इतना ही नही भ्रष्टाचार की हद तो तब हो गई जब इन्होंने अपने ही सरनेम बदलकर सोलंकी लिखकर (अजय सिंह सोलंकी) के नाम का बिल लगाकर भुगतान स्वयं के खाते में कर दिया। 1 लाख 33 हज़ार 700 सौ रुपए का कुल भुगतान इन्होंने अपने स्वयं के खाते में किया है। यह एक गंभीर जांच का विषय है। जिसकी जांच निष्पकता के साथ होनी चाहिए।
— जांच दल के अधिकारी कभी स्वास्थ्य ठीक न होने का बहाना बनाकर जांच को टाल देते हैं। तो कभी कार्यालय संबंधित कार्य की व्यस्तता बताकर पल्ला झाड़ते है। इस प्रकार के रवैय्ये के चलते ग्राम पंचायत नहालदा की जांच आज तक अधर में लटकी हुई है। जिसके चलते ग्रामीणों में खासी नाराजगी बनी हुई है। जांच दल में कुल पांच सदस्य है , जो पांच बिंदुओ की शिकायत पर आज तक कोई जांच कर कार्रवाई नही कर सके। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कही लीपापोती कर सरपंच और सचिव को बचाने में तो नही लगे है जनपद के कर्णधार ? ग्रामीणों ने यह भी बताया की यदि यह सच है तो हम न्यायालय की शरण भी जायेंगे।
सरपंच पति अजय ठाकुर सहित सचिव नरेंद्र सिंह के 2 वर्षों के लेन-देन की बैंक खातों की हो जांच , होगा पर्दाफाश –
सरपंच पति अजय ठाकुर सहित सचिव नरेंद्र सिंह के बैंक खातों की (ट्रांजेक्शन) लेन – देन कितना हुआ हैं, उसकी प्रशासन कार्रवाई कर यदि जांच करता है। तो सचिव नरेंद्र सिंह चौहान स्वयं ही अपने खाते में बिल का भुगतान कर पैसा जमा कर रहा है। यह स्पष्ट हो जाएगा। पंचायत के खाते से कितना रूपया-पैसा इन दोनों के खातों में आया है इसका भी प्रमाण मिल जाएगा और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जाएगा। व जिनके नाम पर वेंडर है उनके खातों पर भुगतान किया गया है उनकी भी जांच होनी चाहिए।
यह है मामला –
खंडवा जनपद पंचायत में मूल कार्यपालन अधिकारी के सेवा निवृत्त हो जाने के बाद से प्रभारी सीईओ ने जब से कार्यभार संभाला है तब से आए दिन ग्राम पंचायतो मैं अनियमितताएं बढ़ती ही जा रही है। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत नहाल्दा में देखने को मिला है। यहां सरपंच,सचिव ने मिलकर वृहद स्तर के भ्रष्टाचार को अंजाम देने में लगे है। आखिर किसके संरक्षण में कर रहे हैं यह काम ? शासन कब लगाएगा इनपर लगाम ?
( समस्त जानकारी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा दी गई है। )