बैतूल (मुलताई)। मंगलवार को एक प्रकरण में फैसला सुनाते हुए कहा कि शादी के बाद अपने पति को दांपत्य सुख से वंचित रखने के मामले में मुलताई न्यायालय ने इसे क्रूरता मानते हुए तलाक के आदेश पारित किए हैं। मामले में पति की ओर से तलाक के लिए न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था।
अपर जिला सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने आदेश जारी किया है। आवेदक की अधिवक्ता हरप्रीत खुराना ने बताया कि आवेदक का विवाह 2018 में हुआ था। विवाह के बाद से ही उसकी पत्नी उसे दांपत्य सुख से वंचित रख रही थी।
पत्नी उसे शारीरिक संबंध नहीं बनाने देती थी और उसे दिव्यांग कहकर उसका मजाक उड़ाती थी. दोनों के बीच इस विवाद का मामला परिवार परामर्श केंद्र में भी चला था. वहीं इस मामले में पति का मेडिकल भी करवाया गया।
जिसमें डाक्टर ने पति को शारीरिक संबंध बनाने के लिए स्वस्थ पाया था. पूरे मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद शादी के बाद पति को शारीरिक संबंध नहीं बनाने देने को क्रूरता मानकर पति को तलाक के लिए पात्र मानते हुए तलाक के आदेश दिए हैं।