शिकायत को रफा-दफा करने के बदले गोरा थाने में पदस्थ हेड कॉन्स्टेबल उर्मिलेश ओझा ने रुपए की मांग रखी
जबलपुर। लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार (1 फरवरी) की देर रात जिस हेड कॉन्स्टेबल को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है, वह प्रॉपर्टी डीलर को 20 दिन से धमका रहा था. कभी घर जाकर, तो कभी फोन पर उनसे एक लाख रुपए की डिमांड करता. कहता था कि अगर रुपए नहीं दिए, तो 420 में केस बनाकर अंदर कर देगा. लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई के बाद पुलिस अधीक्षक जबलपुर ने आरोपी प्रधान आरक्षक उर्मिलेश ओझा को सस्पेंड कर दिया है।
प्रॉपर्टी डीलर संदीप यादव के खिलाफ शराब कारोबारी राजेंद्र जायसवाल ने गोरा थाने में शिकायत की थी. इसी शिकायत को रफा-दफा करने के बदले गोरा थाने में पदस्थ हेड कॉन्स्टेबल उर्मिलेश ओझा रुपए की डिमांड कर रहा था. बाद में रिश्वत की रकम 50 हजार, फिर 40 हजार रुपए तय हुई।
शुक्रवार को हेड कॉन्स्टेबल उर्मिलेश को जबलपुर एसपी ने निलंबित कर दिया है. मामले में गोरा थाने के एक और हेड कॉन्स्टेबल राजेश गौतम का भी नाम सामने आ रहा है. पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।
गुरुवार रात 7.30 बजे गोरा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक उर्मिलेश (रेड जैकेट में) को लोकायुक्त ने घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा. साथी हेड कॉन्स्टेबल राजेश थाने से भाग गया. गुरुवार रात 7.30 बजे गोरा बाजार थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक उर्मिलेश (रेड जैकेट में) को लोकायुक्त ने घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा. साथी हेड कॉन्स्टेबल राजेश थाने से भाग गया।
जमीन की रजिस्ट्री कराना चाहते थे पुलिसकर्मी
प्रॉपर्टी डीलर संदीप यादव ने बताया, तिलहरी में मेरी 2 एकड़ 10 डिसमिल जमीन है. 2019 में शराब कारोबारी राजेंद्र जायसवाल ने आधा एकड़ जमीन का एग्रीमेंट किया. मेरे कहने के बाद भी उन्होंने रजिस्ट्री नहीं कराई. अब थाने में शिकायत कर दी कि पुलिस जमीन की रजिस्ट्री कराए. यादव का आरोप है, शिकायत की जांच कर रहे उर्मिलेश ओझा ने अपने साथी प्रधान आरक्षक राजेश गौतम के साथ मिलकर कई मर्तबा मुझे फोन लगाया. दोनों कई बार मेरे घर भी आए. वे लगातार दबाव बना रहे थे कि जितने भी रुपए मिलें, उस पर ही राजेंद्र जायसवाल के नाम पर रजिस्ट्री कर दो।
2 लाख रुपए एडवांस दिए, लेकिन जमीन की रजिस्ट्री नहीं की
शराब कारोबारी राजेंद्र जायसवाल का कहना है, जमीन का सौदा 11 लाख रुपए में तय हुआ था. 2 लाख रुपए संदीप यादव को एडवांस दिए थे. जब पैसे देने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं हुई तो गोरा बाजार थाने में शिकायत की. पुलिस जांच कर रही थी. उर्मिलेश ओझा और राजेश गौतम ने मुझे बयान के लिए थाने भी बुलाया था।