भोपाल। राज्य सरकार फरवरी में आने वाले वोट एंड अकाउंट (लेखानुदान) में कर्मचारियों को 7 से 8 प्रतिशत तक डीए बढ़ाए जाने का वित्तीय प्रावधान करने जा रही है. दरअसल, मार्च 2025 तक कर्मचारियों का डीए 14 प्रतिशत बढ़ाए जाने की व्यवस्था की जा रही है. इसके बाद यह 56 प्रतिशत हो जाएगा. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है।
अभी राज्य के 7.50 लाख कर्मचारियों को 42 प्रतिशत डीए मिल रहा है, जो केंद्रीय कर्मचारियों को मिल रहे 46 प्रतिशत से 4 प्रतिशत कम है. हालांकि, इस भुगतान के लिए वित्त विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया है, जिस पर मंजूरी मिलना बाकी है।
इधर, 1 जनवरी से केंद्रीय कर्मचारियों का डीए फिर से मूल्य सूचकांक (बढ़ती महंगाई) के अनुसार 4त्न बढ़ाया जाना प्रस्तावित है, जिसकी जल्द केंद्र घोषणा करेगा. ताकि यह भुगतान लोकसभा चुनाव के पहले कर दिया जाए. राज्य सरकार ने फरवरी में लाए जा रहे लेखानुदान का अनुमान 1 अप्रैल 2023 से 30 नवंबर 2023 के बीच हुई आय के आधार पर तैयार किया है. इसी के अनुसार 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक के लिए खर्च की व्यवस्था की जाएगी।
लंबित डीए के लिए चाहिए 1280 करोड़ रुपए
मप्र में विधानसभा चुनाव होने की वजह से अक्टूबर में आचार संहिता प्रभावी हो गई थी. इसलिए 1 जुलाई 2023 से लंबित 4 प्रतिशत डीए का उन्हें भुगतान नहीं किया जा सका. इस बढ़े हुए डीए का भुगतान करने पर हर महीने 160 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा. यदि बढ़े हुए एरियर के डीए का भुगतान किया जाता है तो यह खर्च 1280 करोड़ रुपए होगी. इस राशि को फिलहाल अभी वोट एंड अकाउंट में शामिल नहीं किया गया है।
ये भी प्रावधान
मंत्रियों और अफसरों के कार्यालयों और पेट्रोल पर खर्च 225 करोड़ रुपए ज्यादा. वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह खर्च 1874 करोड़ रुपए था जिसमें 10 प्रतिशत वृद्धि किया जाना है. इसके अलावा मजदूरी पर खर्च में 5 प्रतिशत वृद्धि किया जाना है, जिससे यह खर्च 150 करोड़ रुपए हो जाएगा. इस तरह साल भर का मजदूरी खर्च 2900 करोड़ रुपए होगा।