यह तपस्वियो की भूमि है ,यहां पर हर किसी का काम हो जाता है
बालीपुर (गौतम केवट)। उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगरी में 550 वर्षो से तंबू में बैठे भगवान श्री राम का एक दिव्य मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है ।जैसे जैसे अयोध्या मे प्राण प्रतिष्ठा का दिवस नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे संतों त्यागी महापुरुषों का श्री बालीपुरधाम मे आगमन हो रहा है।
श्री बालीपुर धाम तपस्वियो की भूमि है। यहां धर्म की गाथा गाने वाले ,धर्म का कार्य करने वाले हिंदुत्व की जड़े आ रही है। अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के संबंध में विश्वहिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री हुकुम चंद्र सांकला का आश्रम परिसर मे गुलाब के पुष्पों से स्वागत कर आरती की । श्री बालीपुर धाम में श्री बाबा जी के दर्शन, पूजन कर उन्होने शीश नवाया।महन्त श्री योगेश जी महाराज और सुधाकर जी महाराज को अयोध्या में पधारने का निमंत्रण दिया। हमारे पूर्वजों ने इस मंदिर को पाने के लिए 4 लाख लोगो ने बलिदान दिए ।बलिदानों से ही मंदिर बनकर खड़ा हुआ है। हमारे भारतीय संस्कृति की इस महागाथा को अब कोई तकलीफ नही पहुंचा सकता है ।महामंडलेश्वर मां कनकेश्वरी देवी ने भी बालीपुर धाम की गाथा गायी। यज्ञ के बारे मे कहा कि संत को छूकर आने वाली हवा से सभी संकट नष्ट हो जाते हैं । संत का कोई वचन जब भीतर जड़ कर जाता है तो वह हमारी चिंतन में होगा तब हमारी भक्ति की आराधना, भक्ति का वरदान होगा। इच्छाओं की पूर्ति के लिए पुरुषार्थ के साथ संत एवम सत्संग आवश्यक है।
श्री हुकुम चंद सांकला ने कहा है कि प्रतिदिन यज्ञ होना बहुत ही सराहनीय कदम है। राष्ट्र के मनुष्य के लिए सकारात्मक व्यक्ति की विशेषता है कि वह जीवन में प्रगति प्रदान करती है ।विश्वसनीयता का इसका एक प्रमुख उदाहरण है जिससे हमारा जीवन गतिशील एवं प्रगतिशील होता है। उन्होंने आगे कहा कि राम लाल अयोध्या मंदिर में 600 किलो का घंटा हैदराबाद से आया।मंदिर की काफी भव्यता है, दिव्यता है ।160 देशो में प्रभात फेरी शुरू हो गई है। 155 देश से जल आवेगा ,रत्न जड़ित माला मंदिर में आयी।मंदिरों मे गुम्बद गोल होता है।घंटी गोल रहती है ।हर चीज गोल होती है ।गोलाकार होने कारण हमे तनाव से मुक्ति मिलती है। हमारे पूर्वजों ने मंदिर को टूटते हुए देखा था। हमने मंदिरों को निर्माण होते हुए देखा है ।प्रत्येक घर में दीपक जलाना चाहिए।देश की गर्भवती महिलाओ ने भी कहा है कि हमारे बच्चो का जन्म भी 22 जनवरी याने राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के दिवस ही होना चाहिए। श्री सांकला जी ने श्री बालीपुरधाम मे खाटू श्याम की मूर्ति स्थापित कर श्रृंगार किया । हिमांशु गोयल ,राजेश अरोड़ा, अमन बशेर, राहुल वर्मा, जितेन्द्र भावसार इंदौर गौशाला,गायत्री राठौड,जितेन्द्र सोनी उपस्थित थे। उक्त जानकारी सतगुरु सेवा समिति के अध्यापक जगदीश पाटीदार ने दी।